रविवार, 23 फ़रवरी 2020
एक था राक्षस
एक बार एक राक्षस था। वो जंगल में अकेला रहता था। उसकी मां ने कहा था कि बेटा कभी इंसानों की बस्ती में मत जाना। क्योंकि तेरे पूर्वजों को वहां जाने पर भगवान ने मार डाला था। पर एक दिन राक्षस ने तय किया कि वो इंसानों की बस्ती में जाएगा। उसने साधू का वेश बनाया और इंसानों की बीच पहुंचा। उसने लोगों को लड़ते-झगड़ते देखा, एक दूसरे का हक मारते देखा, लाचार पर अत्याचार देखा। दिन पर वो ये सब देखता रहा और फिर रात में एक मंदिर में भगवान के सामने पहुंचा।
क्यों भगवान, मेरे पूर्वजों से दसगुना ज्यादा आज अत्याचार हो रहा है। उनको तो तुमने मार दिया अब कहां गई तुम्हारी शक्ति, वो सुदर्शन, वो त्रिशूल हें। आज के मानव को तुम सबक नहीं सिखा सकते। जब कोई जवाब नहीं मिला तो वह जंगल जाने को प्रवृत्त हुआ। वह जा ही रहा था कि उसने देखा सामने भगवान खड़े थे।
तुम मंदिर में नहीं थे क्या? हां नहीं था। कहां थे? सुबह से लोगों का तांता लग जाता है दिनभर लोगों की मांगे सुनसुन कर थक जाता हूं। मंदिर में भी लूट-खसोट है, इसलिये अब पौफटते ही मंदिर से बाहर भाग जाता हूं और रात पड़े वापस आ जाता हूं। रही तेरे पूर्वजों की बात तो बेटा, उनको मैंने स्वर्ग पहुंचा दिया। इंसान को तो यहीं चक्कियां पिसवा रहा हूं। कोई सेवा की बात हो तो बोल।
नहीं, अब तो वापस जंगल में ही जाऊंगा और उसी दिन स्वर्ग सिधार जाऊं जिस दिन यहां वापस आने का मन हो।
भगवान हंसने लगे और राक्षस जंगल की ओर भाग गया।
सदस्यता लें
संदेश (Atom)
कुएं का रहस्य
दोनों लापता दोस्तों का आज तक पता नहीं चला है। पर लोगों को आज भी उस सड़क पर जाने में डर लगता है। कुछ दुस्साहसियों ने वहां से गुजरने की कोशिश ...
-
(ये कहानी ग्रीक की लोक कथाओं पर आधारित है।) ये कहानी शुरू होती है शक्तिशाली सम्राट एस्थेरियस या कहें एस्टेरिअन की मौत पर, एस्थेरियस जिसकी अ...
-
अब्बासी नाम का हब्शी अपने दल के साथ मछली पकडऩे के लिए समुद्र में गया वहां वो अंध महासमुद्र के अंतरतम स्थान पर जा पहुंचा। एक दम से जाल तेजी ...
-
सार्थियन, सोने के अद्भुत कारीगर होते थे। वो अपने दुश्मनों को हराकर उनका खून पीते थे और उनकी खोपडिय़ों से हाथ पोंछते थे। मुझको और जोनाथन क...