दोनों लापता दोस्तों का आज तक पता नहीं चला है। पर लोगों को आज भी उस सड़क पर जाने में डर लगता है। कुछ दुस्साहसियों ने वहां से गुजरने की कोशिश की पर दूर से ही उनको एक बूढ़ा आदमी दिखता है जो उनको बुलाता है और दुस्साहसी .....
बिहार की राजधानी पटना के पास एक उपनगर था। यहीं पर एक एकांत सड़क थी जिस पर से कोई भी रात में नहीं निकलता था। क्योंकि जो कोई वहां से निकला वो वापस लौटकर नहीं आया। आया भी तो कुछ बोल ही नहीं पाया या तो पागल हो गया या फिर मर गया।
दो युवक इन बातों को नहीं मानते हुए उस सड़क से निकले। इस अफवाह का मजाक उड़ाते हुए वो जा ही रहे थे कि एक बूढ़ा आदमी उनके पास आया। क्या हुआ दादा-युवकों ने पूछा। बूढ़ा बोला- पास कुएं में मेरा पोता गिर गया है निकाल दो तो मेहरबानी। क्यों नहीं? दोनों ने बूढ़े को आश्वस्त किया। दोनों युवक बूढ़े के साथ कुएं पर पहुंचे। पेड़ों की छाया में वो एक बेहद मनहूस जगह थी। कुएं में से आवाज आ रही थी-दादा..मुझे बाहर निकालो। युवकों ने कुएं में झांका। अंदर सफेद कपड़ों में एक बच्चे की अस्पष्ट झलक दिखी। एक युवक कुएं में उतर गया और कुछ देर बाद उस बच्चे के साथ बाहर आ गया।
अब युवक ने बूढ़े को डांटा- अरे, तुम लोग इतनी रात में घर के बाहर निकले ही क्यों? बच्चे को कुछ हो जाता तो। वो तो गनीमत है कि हम यहां से जा रहे थे। वरना..। इतना कहकर युवक रुका। युवक की बात सुनकर दादा और पोता जोर-जोर से हंसने लगे। इस बात पर दोनों युवकों को आश्चर्य हुआ। इसके बाद कुएं में उतरने वाला युवक तुरंत कुछ शंकित होकर बोला- दादा कुआं ज्यादा गहरा नहीं है। इसमें सीढिय़ां भी हैं और तुम चल भी ठीक-ठाक ही रहे हो तो तुमने खुद ही बच्चे को क्यों नहीं निकाल लिया। हमें क्यों बुलाया?
अब दादा और पोता और जोर से और भयानक ढंग से हंसे। इस बात पर पहले दोस्त ने उनको डांटा- अरे, जब कुएं में उतर ही नहीं सकते हो तो रात में घर से निकले ही क्यों? मदद के बगैर। अब दादा और पोते ने जीभ बाहर निकालकर बेहद भयानक आवाज निकाली और पहले दोस्त, जो कि उनको डांट रहा था, पर कूदे। वो जिस तरह से कूदे थे उस तरह से वो इंसान तो नहीं लग रहे थे। यह देखकर दूसरा दोस्त वापस भागा पर वो दिशा भटक गया और जंगल में अंधाधुंध भागने लगा। उसे लगा कि दादा और पोता उसके पीछे हवा में उड़ते हुए आ रहे हैं। वो भागता गया भागता गया। आखिरकार वो किसी तरह घर वापस पहुंचा। उसने सारी बात घरवालों को बताई इस बात पर उन लोगों ने तो विश्वास कर लिया पर उसके गायब दोस्त के परिवार वालों ने पुलिस को सूचना दी।
पुलिस मौके पर पहुंची और जांच की। पुलिस ने माना कि दूसरे दोस्त ने पहले वाले को गायब किया है और उसका मानसिक संतुलन बिगड़ गया है। इस बात की बिनाह पर पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया पर उस पर आरोप साबित नहीं हुए और वो तीन महीने बाद घर लौट आया। घर में भी उसने किसी से बात नहीं की। तीन दिन बाद वो बिना कुछ कहे घर से चला गया और फिर कभी घर वापस नहीं आया। लोगों ने उसे आखिरी बार उसी कुएं की ओर जाते हुए देखा था। उसके लापता होने पर घर वालों ने उसे ढूंढा और पुलिस में रिपोर्ट करवाई। पुलिस फिर से कुएं के पास गई जांच की पर कुछ हाथ नहीं लगा और केस बंद हो गया। दोनों लापता दोस्तों का आज तक पता नहीं चला है। पर लोगों को आज भी उस सड़क पर जाने में डर लगता है। कुछ दुस्साहसियों ने वहां से गुजरने की कोशिश की पर दूर से ही उनको एक बूढ़ा आदमी दिखता है जो उनको बुलाता है और दुस्साहसी डर के मारे वापस आ जाते हंै। यह सड़क आज भी वीरान है और लगता है कि वो अब आपको बुला रही है। क्या आप जायेंगे?
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