गुरुवार, 14 जून 2018

इनका क्या करना है?

क्यों बे...आवाज को सुनकर सलीम, अशरफ, बाबू और मजहर चौंके। देखा तो सामने थानेदार खड़ा था। सलीम बोला- साहब, मालक ने तो माल भिजवा दिया था। हां..पर उसने ही बताया कि यहां क्या हो रहा है? क्या हो रहा है साहब..? मजहर का सवाल था। अबे काली के .. मुर्गे की लड़ाई का जुआ खेल रहे हो- थानेदार तैश में था। नहीं साहब...अशरफ की बात बनाने की कोशिश की। तो ये तंदुरस्त मुर्गों को लेकर क्या दावत मनाने आए हो? थानेदार ने डंडे से इशारा किया। दो तगड़े मुर्गे एक बांस के टोकने से बंधे खड़े थे। सिगरेट फूंकता बाबू उठने लगा तो थानेदार चिल्लाया- वहीं बैठ पिल्लो... हर बार मौका देखकर भाग निकलता है। तेरे से तो गंजेडिय़ों और अफीमची लोगों को ब्यौरा भी लेना है। बाबू ने सिगरेट फेंक दिया। क्यों सिगरेट में क्या था, गांजा..नहीं..अफीम..नहीं... भांग होगी..नहीं-नहीं साहब.. तो क्या था? बाबू चुप रहा...अबे मुफलिसी में छिपकली का चूरा तो नहीं फूंक रहा था। बाबू शर्माया..धत्त...हनुमान...अबे कहां गया? यहां हूं साहब...हवलदार पीछे से आया। इनको अंदर डाल ये मुर्गें भी उठा ले।
जैसे ही हवलदार ने मुर्गों की ओर हाथ बढ़ाया वो चोंच मारने लगे। हाय... अबे हिम्मत कर-थानेदार ने हवलदार का हौसला बढ़ाया। साहब मुश्किल है...अब थानेदार को फिर आया तैश। बता इनको कैसे ले चलें..साहब गीला कपड़ा इन पर रख तो नीम बेहोश हो जाएंगे- मजहर बोला। अबे तो कपड़ा मैं लाऊं और डालूं क्या? एक मिंट(मिनट का देसी रूपांतर) बाबू ने वहां रखा एक कपड़ा उठाकर मुर्गों की गर्दन पकड़कर उनके मुंह पर डाला। घबरा मुर्गें कुड़के.. फिर उनको टोकरे में डाल कर कपड़ा ऊपर से डाल दिया।
सभी थाने पहुंचे। मुर्गों को चारों के साथ लॉक अप में डाल दिया। अब मुर्गों को होश आया तो वो कुड़कने लगे। इनको भूख लगी है- मजहर बोला। बाबू ने जेब से दाने निकालकर डाले। वो चुग गए। शाम तक धीरे-धीरे चारों के बीवी, भाई, दोस्त आकर उनकी जमानत करवाकर ले गए। रह गए तो मुर्गें शाम को फिर वो कुड़कने लगे। लॉकअप में कोई था नहीं मुर्गे आपस में भिड़ गए। वो चारों उनको अलग रखे बैठे थे। अब पंख यहां-वहां उडऩे लगे। अरे रामसिंह इनको ठंडाकर..। दूसरा हवलदार रामसिंह अंदर जाने से डर रहा था। मुर्गों ने लड़-लड़कर लॉकअप में बीट कर डाली, पंख बिखरा दिये। कुछ देर बाद थककर मुर्गें शांत होकर कुड़कने लगे। थानेदार ने देखा। हनुमान..जी साब..ये पैसे लेकर जा और कांगनी ले आ..डाल दे कुकड़ों को... इतने में सिपाही अबरार वहां आया। हुजूर कुकड़े देखकर तबीयत हरी हो गई। मैं इनको साफ करना जानता हूं आप कहें तो दावत...थानेदार का मुंह देखकर वो चुप हो गया।
अब थानेदार ने साहब को फोन लगाया- खान साब..जी, क्या खिदमत करूं। आपके लोग तो जमानत करवा गए। ये मुर्गें रह गए हैं...अरे सोलंकी साहब उनको कौन छुड़ाएगा? आप तो उनको घर ले जाइये। भाभी से कहियेगा, अच्छी नस्ल के हैं। लजीज बनेंगे और अगर आपके यहां मुर्गियां हों तो मेल करवा दीजिए। फोन करना बेकार रहा। जवाब को कुछ समझकर अबरार बोला- मैं तो पहले ही कह रहा था साहब। थानेदार ने देखा मुर्गें कांगनी खाकर फिर से लड़ रहे थे। एक काम कर अबरार इन पर गीला कपड़ा डाल, टोकनी में रख। मैं घर ले जाकर सरोजा से पूछता हूं इनका क्या करना है?

मंगलवार, 12 जून 2018

Dadda's Satisfaction.

Dadda had proud on Bhaiyaa jee, as he was the only educated person in their family. His elder brother was a farmer and he was not educated. Bhaiyaa jee was a man of unique quality, he helps Bhoujee (elder brothers wife) and taught the children not only of family but also the neighbourhood. Here is little but important point, Bhaiyaa jee loved his neighour's daughter. Her name was Yougeshwari. She also noted it. When ever she walke's out, hearing the sweet sound of her anklets Bhaiyaa jee also came out by pretend to see her.
Sweet smell and love can't hide, Dadda told whole matter to Daddi (wife of Dadda and the mother of Bhaiyaa jee and the elder one). Elder brother Ram prashad was married. His wife Kiratni helps Daddi in household works. Bhaiyaajee's name was Ram keertan but it was an old fashion’d name and his friends could laughat on this so he replaced it by the name of Rajkumar but close people call him by this name or short name Ramu. Daddi made a marital conversetion to his neighbourhood counterpart Ramrati, the mother of Yogeshwari. Ramrati accepted it happily. Bhaiyaajee married with Yogeshwari. After marriage many things were changed. Now Bhaiyaa jee didn’t teach children regularly and didn’t take interest in household works, as he did before. Now his whole time, if he is in home then passes with newly marriade bride. After looking all this with a deep breath Dadda says, Change is Life.

गुरुवार, 7 जून 2018

मौत से मुकाबला 15: महापतन की शुरुआत

बारस पर वारंट था। उस पर आरोप था कि उसने लंदन के सर रैंक के एक व्यापारी को ठगा है। इसी के साथ उस पर लगा कैनिबलइज्म यानी आदमखोरी का मामला भी फिर से उठ गया था। कॉमनवेल्थ और ब्रिटिश कॉलोनियल क्षेत्रों में उसकी खोज तेजी से चल रही थी। उसको यहां से बचाकर निकलना था और उसे ये बात पता थी कि थॉर ने जब ब्रिटिश कॉलोनियल क्षेत्र के लोगों को लूटा और मारकाट मचाई थी तो नेवल उसके साथ था। नेवल को छोड़कर सभी व्यापारी इंग्लैंड में कारावास की सजा काट रहे थे। थॉर के बारे में पता चला कि थॉर पर बने मामले को कमजोर बनाया जा रहा है और उसके साथियों को फंसाया जा रहा है। थॉर ने महारानी के साथ कोई गुप्त समझौता किया था। खैर, एंजिला युनिवर्सिटी से भागकर आई थी। उसको न जाने क्यों किसी अनहोनी का डर सता रहा था। वो पैसे के लिए परेशान हो रही थी तब बारस उसे मिला और उसे लेकर यहां आ धमका। बारस से नेवल ने ये जानने की कोशिश की कि उसे उसका पता कैसे चला? बारस ने उसको क्रिप्टन के बारे में बताया जिसने उसे यहां देखा था। क्रिप्टन किसी समय नेवल का सहयोगी हुआ करता था। इन दोनों ने मिलकर बहुत से व्यवसायिक अभियानों को सफलतापूर्वक पूरा किया था। बाद में वो नेवल से अलग हो गया। उसने इंडियन गिरमिटिया मजदूरों को खरीदने-बेचने का काम शुरू कर दिया और अब वो एक प्रतिष्ठित व्यापारी था। खास बात ये थी कि क्रिप्टन के कारण ही नेवल से उसकी पत्नी नटाला दूर हुई और वो क्रिप्टन की पत्नी हो गयी। यहीं से एक दुश्मनी का बीज पड़ा। नेवल ने क्रिप्टन को नुकसान भी पहुंचाया। नेवल ने क्रिप्टन के खिलाफ ओलिवर कोलंबस नाम के अमेरिकी की मदद की जिसने क्रिप्टन को व्यवसाय में हर मोड़ पर मात दी। क्रिप्टन ने अपनी पत्नी नटालाजो कभी नेवल की पत्नी थी से इस बात को लेकर झगड़ा किया तो वो नेवल के पास वापस आई और उसे कहा कि वो ऐसा करना बंद कर दे। नेवल ने उसे एक भरपूर किस किया और उसे कहा कि वो उसे हासिल करने के लिए ही ये सब कर रहा है। वो नटाला से आज भी बेहद प्यार करता है और उसे वापस पाना चाहता है। पर नटाला ने उसे फिर से लूजर कहा और चली गई। उसने जाते-जाते धमकी दी कि अगर उसने ओलिवर की मदद नहीं रोकी तो परिणाम गंभीर होंगे। नेवल ने ओलिवर की मदद अब और वृहद स्तर पर शुरू कर दी। वो अपने सारे व्यापारी संबंधों का फायदा ओलिवर को देने लगा। अंतत: एक दिन पता चला कि नटाला ने सेंट्रल हॉल की छत से कूदकर आत्महत्या कर ली और क्रिप्टन का व्यवसाय चौपट हो गया वो अब छोटे-मोटे व्यवसाय कर अपनी जिंदगी चला रहा था। बस एक बात का दु:ख था नटाला ने नेवल को एंजिला का तोहफा दिया पर वो क्रिप्टन को एक बच्चा भी न दे सकी। ओलिवर अब अमेरिका में है और नेवल का शुक्रगुजार है। ये बातें हमको नोबल ने बताई थी।
खैर, आप लोगों को आश्चर्य होता होगा कि हम समुद्र में क्या खाते थे? पीने का पानी कहां से आता था। आपको बताना चाहता हूं कि नेवल ने खाने के लिए पहले आलू खरीदे थे जिनको भट्टी वाले बॉयलर में उबालकर नमक और मसाला डालकर हम खाते थे। अब खुशी की बात थी कि हमारे पास कार्न और चावल के साथ आयातित दाल थी जिससे हम कभी खिचड़ी भी बनाकर खा लेते थे। खाना बनाने का काम फॉरेसो और नोबल के हाथ में था। पानी हम पास से पोर्ट से खरीदकर एक विशाल टैंक में जमा कर लिया करते थे। इससे पेयजल की आपूर्ति होती थी।
बारस आया तो नेवल की चिंता बढ़ गई। चिंता इस बात को लेकर नहीं थी वो इंग्लैंड के निशाने पर था। उसे चिंता बारस के आगमन को लेकर थी। बारस चाहता तो वो किसी के भी साथ भाग सकता था। कहीं एंजिला को लेकर तो उसके इरादे खतरनाक नहीं हैं। एंजिला, घोड़ी के दूध की तरह आकर्षित करने वाली थी। मानों हुस्न की मलिका एफ्रोडाइट ही सामने आ गई हो। लंबे कद की, गहरी आंखों वाली, सुनहरे बाल, गुलाबी भरे होंठ इस पर न जाने क्यों एक मादकता का अहसास जो उसे देखते ही होने लगता था।
बारस जहाज पर रहता और हमारे कामों को देखता और ज्यादातर हमारे कामों में नुक्स निकालने की कोशिश करता। नेवल भी न जाने क्यों उसकी बातों को मानने लगा था। वो जो कहता नेवल पर उसकी सहमति जायज ही होती थी। नेवल दिनभर शराब में डूबा रहता और बारस से बातें करता रहता। जहाज अब हमारे भरोसे ही था। बैन, फॉरेसो, जैमी सहित एडम की नजर एंजिला पर थी। अगर कभी कयामत हो जाए तो वो एंजिला को जरूर ही बचाएंगे। बच गए तो उसके साथ एक सुंदर घर बसाएंगे। सोचते तो हम, मैं और जोनाथन, भी कुछ ऐसा ही थे पर एंजिला हमारे लिए कुछ ऐसी थी जैसे कछुवे के लिए आलप्स की चोटी। एंजिला हमारा नेतृत्व कुछ ऐसे ही करती थी नेवल करता था। छोटे पोर्टों से जरूरी सामान खरीदना हो या समुद्र में मछली का शिकार हम सभी उसके कायल थे और उसके रूप से घायल भी थे।
जहाज पर शराब खत्म हो गई तो नेवल बेचैन हो गया। अगर उसके लिये शराब खरीदी जाती तो पैसे की मार पड़ती। बारस ने अपनी छोटी सी शराब की बोतल से नेवल को शराब देने लगा। हमको आश्चर्य होता था कि इस बोतल की शराब खत्म क्यों नहीं होती? अब तक हमारी बारस से बात नहीं के बराबर होती थी पर अब वो हमसे बात करने लगा था। वो मुझे समझाने की तरह बातें करता था, जोनाथन को डराने और बाकी को धमकाने की गरज से बातें करता था। वो मुझसे बातें करते समय सहज हो जाता था ऐसा क्यों था? वो मुझसे ज्यादातर इस विषय पर बातें करता कि ईश्वर नहीं है और सफल होने के लिए किसी भी हद तक गिर जाना चाहिए। औरत को जिस्म और आदमी को धोखे से सफलता मिलती है। उसने मुझे एक डायन की कहानी सुनाई जिसने अपने खूबसूरत जिस्म को पेश कर कई सल्तनतों पर राज किया और फिर उनको अपनी ताकत बढ़ाने के लिए बलि चढ़ा दिया। इस खूबसूरत बला का नाम था वैनम। उसके होंठो से मीठा सायरप और स्तनों से दूधिया शराब बहती थी। उसका हर अंग रस बहाता था। वो मुझे बहुत कुछ बताना चाहता था पर मैं उससे दूर ही भागता था। एक शाम मैं, एडम, जोनाथन, जैमी और फॉरेसो डेक पर थे और जालों को सुलझा रहे थे ताकि वो उलझ न जाएं। हमारे बीच इस बात को लेकर चर्चा हो रही थी कि अगर बार्बरस शैतान भी है तो ईश्वर हमारी रक्षा करेगा। तभी एक समुद्री पतंगा डेक पर आ गया जोनाथन ने उसे देखा-देखो इसका रक्षक भी ईश्वर ही है। इसी समय बार्बरस भी वहां आ धमका- न जाने क्यों उसे वो सारी बातें पता थी जो हमारे बीच हुई थीं। वो जोनाथन के पास आया और फुफकारते हुए बोला- ईश्वर कमजोर है, तुम्हारा ईश्वर कमजोर है। क्या वो इस कीड़े को बचा सकता है। उसने उसे कुचल दिया। नहीं बचा सकता। तुम फरेब को जीते हो ईश्वर कमजोर है कमजोर, फ्राड...फ्राड....फ्राड। वो हंसा और हम सबको देखा। हमको उसका व्यवहार बेहद अजीब लगा। रात को जोनाथन ने मुझे और एडम को तहखाने में बुलाया। हम वहां पहुंचे तो देखा वो वही जादूई किताब लेकर बैठा था। मित्रों क्या तुमको मालूम है एफ अल्फाबेड का 6ठां अंक है। उसने फ्राड तीन बार कहा यानी 666 जो शैतान का अंक है, मैंने इस किताब में एक मंत्र पढ़ा है आओ उसे दोहराएं और जिंदगी की दुआ मांगे। पर हां एक बात याद रहे कोई भी अपने स्थान से हिलेगा नहीं अगर कोई बीच से उठा तो जो हमारे मेहरबान होंगे वही शैतान हो जाएंगे। हम एक-दूसरे का हाथ कसकर पकड़कर बैठ गए। जोनाथन ने मंत्र पढऩा शुरू किया- डोमिन सेल्वम एडफेरेनडेट नॉस यूशिटिआ बोल्ट उर्बेन लॉलेकम रिडक्स स्पिरिट्यूअम एट नोविलि नोबिस विनेइल फू..फू। मंत्र जपा ही जा रहा था कि वहां बार्बस आ गया। हम एक सितारे को घेरकर बैठे थे। जिसके बीच में एक मोमबत्ती जल रही थी। समुद्र उफन रहा था और जहाज हिचकोले खा रहा था। हमने उसे देखा तो हम तो चुप हो गये पर आंखें मूंदे बैठा जोनाथन मंत्र पढ़ता रहा। उसके आते ही मोमबत्ती बुझ गई। अनिष्ठ जान कर जोनाथन ने आंखें खोली तो वो बार्बरस को देखकर घबरा गया। बर्बरस गंदे ढंग से हंसा और बोला- मौत एक सच है और उससे भी बड़ा सच है कि वो किसी के रोके नहीं रुकेगी। ईश्वर के रोके भी नहीं। तुम जिस ईश्वर को मानते हो वो तुम्हारे लिये शैतान से भी बुरा है। आओ उसने हाथ फैलाए और बोला- मेरी शरण में आओ जागो मेली स्पिरिटस। अब आई लहर इतनी जोरदार थी कि हम गुड़ककर गिर पड़े और साधना भंग हो गई। हमारी लालटेन बुझ गई और अंधेरा छा गया।

मौत से मुकाबला 14: शैतान का आगमन

बार्बरस, एक ऐसा व्यक्ति जो शायद सिर्फ पैदा होता है मारता नहीं। इसकी मौत को शायद ये खुद ही मार चुका है। मेरे मन में इस व्यक्ति को लेकर उत्सुकता जारी। मैंने नोबल से इस बारे में पूछा तो उसने बताया कि उसकी दादी ने अपनी दादी से इस आदमी की कहानी सुनी थी। बहुत पहले अंजान कैरिबियाई द्वीप पर एक शीमेल जा रही थी। उसने एक बच्चे के रोने की आवाज सुनी। उसने देखा तो वहां एक नवजात को पाया। शीमेल में एक शी थी जो उस बच्चे को देखकर तड़प उठी। उसने उसे दूध पिलाने की नाकाम कोशिश की पर उसके स्तन को चूसकर वो शिशु शांत हो गया। स्तन पर इस तरह का स्पर्श पाकर शीमेल को यौन संतुष्टि प्राप्त होती थी। शीमेल उसे घर ले आई और उसका पालन पोषण करने लगी। शीमेल उस बच्चे के प्रति आकर्षित थी। वो उसे चूमती और उसे अपना राजकुमार कहती। ये शीमेल दलाल के माध्यम से जहाजियों का मनोरंजन करती थी। धीरे-धीरे ये बच्चा बड़ा होने लगा और इस पर आती जवानी शीमेल का मन ललचाने लगी। शीमेल उससे संबंध बनाती और उसे भरपूर प्यार देती। इस लड़के नाम बारस रखा था शीमेल ने। बारस को शीमेल का व्यवहार पसंद नहीं था। वो उससे नफरत करता था और उसकी प्रताडऩाएं झेला करता था। वो उससे यौन संतुष्टि चाहती और ऐसा न होने पर उसे मारती-पीटती। एक दिन शीमेल ने उससे फिर अपनी यौन इच्छाएं संतुष्ट करने को कहा तो बारस घबरा गया। शीमेल ने उसे पीटने की कोशिश की तो वो भाग निकला। वो परेशान होकर समुद्र किनारे बैठा था तभी उसे एक चाकू पड़ा मिला। वो चाकू लेकर वापस लौटा और शीमेल के साथ दो जिस्म और एक जान हो गया। जब शीमेल संतुष्ट होकर सो गई तो उसने उसका बिस्तर पर गलाकाट कर उसकी हत्या कर दी। इसके बाद उसने शीमेल की लाश को कंपाउंड में दफ ना दिया। अब वो काम की तलाश में घूमने लगा। उसे कहीं नौकरी नहीं मिली बल्कि लोगों ने उसे बेहद अपमानित किया। थका-हारा बारस समुद्र किनारे बैठा था। वो परेशान था, भूखा भी था। तब उसके पास एक आदमी आया जिसने उससे कहा कि बारस का जन्म शैतानी रात को हुआ है उसकी आत्मा में शैतानी शक्तियां है। अगर वो उसे अपनी आत्मा बेचता है तो वो उसकी सारी जरूरतें पूरी कर देगा। बारस नेहां कर दिया। इसके बाद उस आदमी ने चाकू से छेदकर अपनी उंगली से खून निकाला और बारस को चखाया। इसके बाद बारस घबरा गया। उसने बारस की उंगली छेदकर बारस का खून चखा। इसके बाद एक बेहद खूबसूरत लड़की को बुलाया। उसे देखकर बारस सबकुछ भूल गया। ये तुम्हारी है बारस। बारस ने उसे फ्रेंच किस किया तो उस लड़की की जिबान सांप बनकर उसके अंदर उतर गई। बारस गिर पड़ा उसे उल्टियां होने लगीं। बारस को महसूस हो रहा था कि उसके अंदर का भगवान, दया, प्रेम, निश्छलता मर रही है। वो आदमी और लड़की हंसते हुए गायब हो गए। भगवान ये देख रहा था। कुछ देर बाद बारस मर गया। उस मरे उसे जिस्म में वो फिर से जी उठा। उसकी आंखें अंगारे की तरह लाल हो गईं। और वो बन गया- बारस से क्रूर बार्बरस। इसके बाद वो व्यापारी बन गया। वो जो भी व्यापार करता उसमें लाभ कमाता। वो पैसे से गरीबों को खरीदता और उसने पशुवत क्रूर व्यवहार करता। वो नई जवान लड़कियों को हवस का शिकार बनाता और बाद में उसका मांस खा जाता। ये बात मुझे अजीब लगी। तब नोबल ने आगे बताया कि बारस नई लड़की को तीन दिन के लिये साथ लेकर आता पहली रात वो उसे शैतानी दवाई पिलाता जिसके बाद वो शैतान के अधीन हो जाती दूसरी रात वो उसके साथ संबंध बनाता और तीसरी रात उसको खा जाता। इसके बाद जब दलाल उसके पास जाते वो उनसे कहता कि लड़की भाग गई। ज्यादा बात होने पर दुगने पैसे देता। कुछ लोग कहते थे कि दलाल में भी उसने शैतानी आत्मा को उतार दिया था। मरी लड़की के परिवार वाले उसे यहां-वहां खोजते फिरते। उस लड़की आत्मा को अपने अधीन कर बारस अपनी ताकत बढ़ता ही जा रहा था। नोबल ने कहानी अपनी दादी से सुनी थी और उसने उसकी दादी से, तो क्या बारस की उम्र 100 साल से ऊपर थी। सब अंदर चले गए तो मैं और जोनाथन डेक पर खड़े रहे, शायद यूं कि अब के बाद कभी यूं साथ रहने का मौका मिले न मिले या हम जिंदा हों न हों।
हम डेक पर खड़े थे। चांद बादलों में से निकल-छुप रहा था। तभी कुछ पास पानी में एक सिर निकला और हमें देखने लगा। उस हलकी रोशनी में जोनाथन की नजर उस पर पड़ी। मैं भी घबरा गया। ये किसी का सिर ही था। कुछ क्षणों बाद वो पानी में चला गया। जोनाथन ने चिल्लाकर सबको बुलाया। सबने वहां आकर देखा तो कुछ न था। नेवल ने आसपास देखा। कुछ दूर वर्षावन जैसा कुछ जंगल था। नेवल ने बताया कि वो अनाकोडा हो सकता है जो शायद पानी में उतरा होगा और जहाज को देखकर शिकार को ताक रहा होगा।
रात ढलनी थी ढली और दिन उगना था उगा। हम डेक पर खड़े थी तभी दूर से एक छोटा जहाज आता दिखा वो आकर हमारे जहाज से सटकर खड़ा हो गया। इस दौरान हलकी टक्कर भी हुई। हमारा जहाज हिल गया। बैन नेवल को बुलाने अंदर गया। तभी दूसरे जहाज से एक बेहद खूबसूरत लड़की निकली और हमारे जहाज पर आ गई। पीछे एक बूढ़ा भी निकला जो दूसरे जहाज सेे खड़ा होकर हमें ही देख रहा था। आप कौन है? जैमी ने पूछा। एंजिला स्पार्ट। ओह! हम सम्मान में झुके। इतने में नेवल बाहर आ गया। फा..लड़की नेवल के गले लग गई। नेवल उसे देखकर खुश होता उससे पहले ही बूढ़े को देखकर वो सकपका गया। अब बूढ़ा जहाज पर आया। आप....बैन ने पूछा। वो बूढ़ा मुस्कुराया और उसकी आंखें चमक उठीं। बेल्जिबब (ब्रायन) एलेक्सो रिवनस बैरिजो ओलिवरा रिज्विनस यूविन सैटन संक्षेप में बार्बरस। तुमने मेरे बारे में शायद सुना नहीं होगा- बूढ़ा रहस्यमय ढंग से मुस्कुराया। ओ ओह...हम सभी असहज हो गए।

एक अधूरी मोहब्बत की पहली निशानी

कार जा ही रही थी कि सामने पत्थरों को देखकर ड्राइवर ने कार को रोका और बाहर निकला। वो पत्थर को उठाने के लिए झुका ही था कि उसके सिर पर जोरदार टॉमी का आघात हुआ और वो अचेत हो गया। इसके बाद किसी ने उसे उठाया और वहीं सड़क पर लेटा दिया। सड़क पर अंधेरा था। तभी एक ट्रक बेतहाशा तेजी से आया और..... टॉमी मारने वाले ने नजारा देखा और वहां से चला गया। दूसरे दिन सड़क पर कार ड्राइवर जावेद की लाश पड़ी थी। उसे ट्रक ने टक्कर मार दी थी और लाश कुचल चुकी थी। अब आप ये सोच रहे होंगे कि मामला क्या है? क्यों इसको इतनी बुरी मौत मारा गया। ये हत्या थी पर मामला दुर्घटना का बना। मामला समझने के लिए हमको कुछ वक्त पीछे जाना होगा। ज्यादा नहीं पांच साल पहले। चच्ची के कूचे में एक घर था नूर का। इसी के घर के सामने था नबीर की चाची का मकान। नूर अपने मां-बाप की एक लौती बेटी थी। इससे बड़ा एक भाई था ममनून। इसके बाद कोशिशें तो बहुत हुई पर बीमारी के चलते नूर के पिता चल बसे। बची मां जो अपने सनकी भाई हमीद और बेटी नूर के साथ नबीर के घर के सामने ही रहती थी। नबीर के मां-बाप नहीं थे। वो चाची के साथ रहता था जिसका भी इस दुनिया में सिर्फ एक ही बेटा था, राशिद जिसने अपना नाम रॉकी रख लिया था। वो गोवा में बैठा था। उसका वहां पर कारोबार था। कहने को वो कारोबार था पर वो था ड्रग्स का धंधा। इसके अलावा वो अश्लील फिल्मों से भी जुड़ा था। वो वहां से पैसे भेजता था और नबीर भी यहां छोटे मोटे काम किया करता था।
नूर पर नबीर का दिल आया था। वो जब भी छज्जे पर निकलती। उसकी पायजेब छनकती वो उसे देखने किसी न किसी बहाने से बाहर आ जाता। नूर भी ये बात समझती थी वो चांदनी रातों में छज्जे पर आ खड़ी होती। जब कूचे में कोई न होता तो नबीर उसे देखकर गजल गाता- झरोखे में है आज तेरे चांद का दीदार। वो मुस्कुराती इतराती, इठलाती। बाद में वो बाहर मिलते भी थे पर निकाह से पहले तहजीब के चलते वो दूर ही रहते।
इश्क और मुश्क यानी मोहब्बत और खुश्बू छुपाए नहीं छुपते। चाची ने नूर की मां से बात की। मां ने कह दिया कि नबीर कुछ अच्छा काम करे तो बात आगे बढ़ेगी। नबीर ने बहुत कोशिश की पर कोई कमाऊ काम नहीं ढूंढ पाया। थकहार कर उसने रॉकी को फोन पर पूरी बात बताई। उसने अपने आदमी से कहा कि वो उसकी मदद करे। उन लोगों ने उसको दुबई भेज दिया। जाने से पहले नबीर नूर से कह गया कि वो कम-से-कम एक साल का तो इंतजार करे।
नबीर दुबई चला गया। वहां उसने थोड़ा काम सीखा और फिर तेजी से वहां धंधा जमाने लगा। एक साल साल से डेढ़ और फिर डेढ़ से दो साल हुए। बीच में चाची से होती बातचीत में पता चलता रहा कि नूर अभी तक इंतजार कर रही है। नबीर ने काफी पैसा इकट्ठा कर लिया। वो अब वहां एक अच्छा मकान किराये पर लेकर वापस लौटा। उसका सपना था कि वो नूर को ब्याहकर उसे वहां मलिका की तरह रखेगा। वो वापस लौटा। उसने नूर के घर में झांका तो वहां उसकी मां दिखी वो न दिखी। चाची चुप थी। वो शाम को चौराहे पर जो उसके दोस्तों से मिलने का पुराना ठिकाना था पहुंचा वहां उसे पता चला कि उसके जाते ही नूर की शादी हो गई थी। कुछ दिन पहले खबर मिली कि उसकी मौत हो गई। नबीर भड़क गया और चाची के पास पहुंचा। चाची उससे बोली- तुझे वापस बुलाती तो भी तू क्या कर लेता? उसकी मौत कैसे हुई। चाची ने उसका मुंह देखा- ये गुलशन के बच्चे का मुंह नहीं दु:खता दिनभर बोला करता है। चाची के बात बदलने को नबीर समझ गया। सही सही बताओ चाची। चाची बोली- वो रोज रात को चांदनी में खड़ी होकर तेरे चांद का दीदार गाती थी। फिर उसका निकाह हो गया तो वो अपने पति के लिए वही गीत गाती थी। उसका पति उसके लिए मोगरे का गजरा लाता था तो कभी चमेली का इत्र। वो केवड़े का पानी छिड़ककर उसका इंतजार करती। कुल मिलाकर वो खुश थी पर तभी उसे बीमारी हुई और उसका इंतेकाल हो गया। चाची की बात पर नबीर को शुब्हा होना जायज था। चाची सच बोलो, तुमको कसम है दरगाह वाले बाबा की....अब चाची डर गई। नूर की शादी हुई पर वो शादी उसके लिए जहन्नुम का दरवाजा बन गई। जावेद के पास की कॉलोनी में रहने वाली कई काफिराओं से संबंध थे। वो नूर पर जुल्म करता और उसके परिवार वाले उसका साथ देते। वो कभी दहेज की बात करते तो कभी औलाद न होने का ताना देते। आखिर में एक दिन उसके जलने की खबर आई। उसके भाई ने पुलिस में रिपोर्टकी। और पुलिस तो ....नबीर समझ गया।
नबीर ने फिर से दुबई जाने का मन बनाया और वीजा के लिए दरख्वास्त दी जो मंजूर हो गई। उसने जावेद के बारे में पता लगाया। जावेद और उसकी बहन के साथ उसके मांबाप उसके निशाने पर थे। उसने नकाब डाल उसकी बहन, जो शादीशुदा थी, के चेहरे पर तेजाब फेंक भाग निकला। और रात को जहां से जावेद जाता था उस रास्ते में सूनसान में पत्थर जमा दिये। और फिर जो हुआ आपके सामने है। दूसरे दिन पुलिस ने लाश को देखा। दबाव था इस लिए मामला दर्ज किया गया। और जब ये सब हो रहा था नबीर मुंबई के लिए रेल में चढ़ चुका था। उसे मुंबई से फ्लाइट लेनी थी। जाते-जाते उसने चाची से वो फोटो ले लिया था जो उसने ईद के दिन नूर का खींचा था इस वादे के साथ कि जब वो निकाह की रात मिलेंगे तो इस इत्तेफाक को याद करेंगे कि ये उनके प्यार की पहली निशानी था। 7 जून 2018

कुएं का रहस्य

दोनों लापता दोस्तों का आज तक पता नहीं चला है। पर लोगों को आज भी उस सड़क पर जाने में डर लगता है। कुछ दुस्साहसियों ने वहां से गुजरने की कोशिश ...