मंगलवार, 7 नवंबर 2017

जमाना ऐसा ही है!


छुटकी को गुडिय़ा दिलवाई तो उसने नहीं ली उसे गेम खेलने के लिए मोबाइल चाहिए था... हजार का खर्च कर दिलवाया। मॉम बोलीं, अब इसी का जमाना है क्या करें? छुटकी गुल से गुलिस्तान हो गई, कई लड़कों से दोस्ती हो गई ये तक तो ठीक , वो डेट पर भी चली जाती। मॉम कहती अब क्या समझायें जमाना इन्हीं का है। छुटकी ने शादी स ेइंकार कर दिया और एक लड़के के साथ लिवइन में रहने लगी। मॉम बोलीं- क्या करें युवाओं का ऐसा ही जमाना है।
कुछ दिनों बा द छुटकी घर लौटी बताया कि हैप्पी न्यूज है। मॉम बोलीं- क्या करें युवावर्ग का जमाना ऐसा ही कर रहा है ।
अब कुछ दिन बाद छुटकी घर रोते हुए लौटी कहा लड़के ने भगा दिया वो शादी कर रहा है अबॉर्शन का बोला है। मॉम बोलीं- कोर्ट केस करेंगे क्या करें जमाना ऐसे ही दावपेंच का है। मॉम ने पुलिस में रपट लिखवाई इंस्पेक्टर बोला- पैसा लेकर अबॉर्शन करवा लो, पार्टी बड़ी है लड़की को कोर्ट में रंडी साबितकर देंगे,पार्टी रसूखदार है मुझे ही कहा कि रिपोर्ट मत लिखना आएं तो भगा देना मैं तो फिर भी इंसानियत के नाते समझा रहा हूं। समझौता कर लो..... केस रिपोर्ट में क्या रखा है वैसे भी मामले पर कोई केस बनता ही नहीं है। मैं क्या रिपोर्ट लिखूं। जाकर बात करो पैसा लो, पाप गिराओ छुट्टी पाओ। पैसा लेकर मामला रफा दफा कर दो जमाना ऐसा ही है....मॉम सुनती रहीं। वो बाहर आ गईं उनके कान में आवाज गूंज रही थी जमाना ऐसा ही है....जमाना.....

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