गुरुवार, 14 दिसंबर 2017

एक अनोखा नाता.....

एलिस समुद्र किनारे से अपने घर की ओर जा रही थी। उसके एक हाथ में कुछ फूल और दूसरे में एक दूध से भरी आधी बाल्टी थी। तभी उसे अभिवादन करने की आवाज आई। उसने देखा तो उम्र में उससे कुछ बड़ा एक युवक वहां खड़ा था। युवक ने उसे कहा कि एलिस उसे किसी अपने की याद दिलाती है। एलिस ने जब पूरी बात जाननी चाही तो युवक ने बताया कि एलिस उसे उसकी छोटी बहन की याद दिलाती है जो महामारी की शिकार हो गई थी। उसका नाम हैरिस है और वो एक प्रीस्ट है। पास ही उसका घर भी है। क्या वो उससे दोस्ती करना चाहेगी? न जाने क्यों एलिस को हैरिस की बातों पर यकीन करने का मन हुआ और वो दोनों दोस्त बन गए। वो रोज वहीं मिलते और घंटों बातें करते।
हैरिस की बात बिलकुल सच्ची थी... वो एलिस को बहन की तरह मानता था। वो उससे अपने रोजमर्रा के जीवन के बारे में बातें करता था। कभी वो पादरी की नकल करता था तो कभी धर्मगुरुओं का मजाक उड़ाता था। वो उससे अपनी बहन की यादें भी बांटता। एलिस भी अपने दिनभर की गतिविधियां उसे बताती थी। ये दोनों का रोजनामचा था। हालांकि ये रिश्ता लोगों में चर्चा का विषय था पर अमरणशील दैवीय शक्तियों की इच्छा से ये जारी था। एलिस-हैरिस एकदूसरे को समझाते कि लोगों को जो कहना है कहें पर इस रिश्ते की पवित्रता को वो हीजानते हैं। कहते हैं मौसमों को बदले वक्त नहीं लगता वैसे ही जिंदगी में सबकुछ हमेशा एकसा सुखद नहीं रहता।
एक दिन समुद्र किनारे समुद्र का हवाई शैतान एरियल आ धमका। उसने एलिस और हैरिस को साथ में देखातो तो उसे अचंभा हुआ। वो एलिस की सुंदरता का मुरीद हो गया और उसे हैरिस रास्ते का कांटा जान पड़ा। पूरी तरह से विचार करने के बाद वो इस नतीजे पर पहुंचा कि एलिस का अपहरण कर लिया जाए। ये सबकुछ ऐसा ही था जैसा कि सेटन द्वारा पृथ्वी की पुत्री का हरण।
आखिर एक दिन भेडिय़े की नियत से मेमना मारा ही गया, हैरिस को समुद्र किनारे आने में विलंब हो गया। एलिस उसका इंतजार कर रही थी। मौके की ताक में बैठे एरियल को ऐसा स्वर्णिम मौका औरकहां मिलने वाला था। उसने एलिस का अपहरण कर लिया।
एरियल उसे अपने लोक में ले गया। एलिस ने वहां खाना-पीना छोड़ दिया। इस पर एरियल ने उसे चेतावनी देते हुए कहा कि ये उसकी दुनिया है यहां वही होगा जो वो चाहेगा। एलिस कुछ न खाए-पीये तो भी उसे पोषण मिलता ही रहेगा। एलिस निराश हो गई।
मौसम आते जाते हैं, एलिस की नफरत से परेशान एरियल ने उसे तोडऩे की कई कोशिशें कीं पर वो ऐसा नहीं कर पाया। अब परेशान एरियल ड्रैगन के पास सलाह लेने के लिए गया। ड्रैगन ने पूरी बात सुनकर उसे सलाह दी कि वो उसके पास हैरिस का रूप बनाकर जाए तो ही वो उसे पा सकता है। एरियल को बात जंच गई और वो हैरिस का रूप बनाकर एलिस के सामने जा पहुंचा।
एलिस ने उसे देखा तो वो गुब्बारे की तरह मुंह बनाकर हंसी। एरियल कुछ नहीं बोला और एलिस केपास जाकर उसे छूने की कोशिश की। इससे पहले ही एलिस ने एरियल को पहचान जाने की बात कहकर डांटा। उसने एरियल से कहा- मैं तुम पर शंंकास्पद थी सो मैं मुंह बनाकर हंसी । ऐसा चेहरा बहुधा हैरिस की बहन बनाती थी अगर तुम हैरिस होते तो मुझे अभिवादन करने के साथ ही इस बात का उल्लेख जरूर करते । एरियल तुम सामान्य मनुष्यों की तरह ही हो। तुम हैरिस का और मेरा रिश्ता नहीं जान सकते। तुम देह को अपनी वैचारिक क्षमता के अनुसार ही तौलते हो और व्यवहार करते हो पर गलती तुम्हारी नहीं तुम्हारे परिवेश और मानसिकता की है शायद तुमने रिश्ते समझे और महसूस किये ही नहीं हैं। एरियल अपराधी की भांति घुटनों पर बैठ गया...मुझे माफ कर दो...मैंअपने पाप का प्राश्चित करूंगा और तुमको ससम्मान वापस छोडक़र आऊंगा। वो उसे लेकर उसी समुद्र किनारे पहुंचा जहां वो और हैरिस मिलते थे वहीं से उसका अपहरण भी हुआ था। उन दोनों ने देखा कि वहां एक चट्टान पर हैरिस प्रार्थना की मुद्रा में बैठा था उसकी हालत खराब थी वो दोनों उसे पुकार कर उसके पास गए उसे हिलाया तो वो लुढक़ गया। एरियल ने उसका सिर अपनी गोद में ले लिया और उसे अपनी शक्ति से पुन पोषित कर दिया। हैरिस पहले की अवस्था में आ गया और उसे होश भी आ गया। उसने एरियल और एलिस को देखा तो अचंभे में पड़़ गया। एलिस ने उसे पूरी बात बताई। जिस पर हैरिस ने भी उनको बताया कि एलिस बहुत ढूंढने पर भी जब नहीं मिली तो वो बिना खाए-पिए यहां प्रार्थना करने बैठ गया।
तीनों अच्छे मित्र की तरह वहां बैठगए । हैरिस ने बताया कि वो ज्ञानप्राप्त करने के लिए पूर्व की ओर जा रहा है। वो यही बताने के लिए एलिस के पास आया था जब वो अपहृत हो गई थी। एरियल ने उससे कहा कि वो अगर पूर्व की ओर जाता है तो उसे भयंकर खतरों का सामना करना पड़ेगा शायद वो वापस ही न लौट पाए। इसलिए एरियल भी उसके साथ जाएगा। इस बात पर हैरिस राजी हो गया। एलिस ने एरियल से कहा कि उसका अपहरण होने की बात पर लोग उससे सवाल करेंगे इस पर वो क्या कहेगी? एरियल ने एलिस से कहा कि वो लोगों को असलित बताए अगर वो नहीं मानते हैं तो वो चर्च में जाए और वहां का घंटा बजाए जो स्वत: ही तुम्हारे अपमान के कारण किसी के द्वारा नहीं बज पाएगा। हैरिस से एलिस ने वादा कि या कि वो उसके मां-बाप ध्यान रखेगी। एरियल ने वादा किया कि वो समय - समय पर यहां आकर हैरिस और वापस जाकर हैरिस को यहां की बातें बताता रहेगा। अंतत: एरियल और हैरिस बतियाते हुए पूर्व की ओर चले गए। उनके सायों को क्षितिज पर ढलने तक एलिस देखती रही।
लौटने पर लोगों ने एलिस का विरोध किया और उसे अपनी पवित्रता की परीक्षा के लिए चर्च का घंटा बजाना पड़ा जो एकाएक बजना बंद हो गया था। इसके बाद लोगों ने उसे देवकन्या का उपनाम दे दिया। अब एलिस एक नन बन गई। समय का ऋतु चक्र चलता गया और कई साल बीत गए एरियल एक अच्छे संदेशवाहक की तरह काम करता रहा।
अंतत: एक दिन एरियल के साथ हैरिस वापस आ गया और वहीं समुंदर किनारे पहुंचा जहां वो एलिस से मिला था। एलिस अब कहां होगी उसे पता नहीं था। एरियल ये जानता था पर उसने इस बारे में हैरिस को कुछ नहीं बताया था कुछ देर बाद वहां से एक महिला निकली जिसे हैरिस पहचान गया वो एलिस ही थी। एलिस अब आकर्षक युवती से एक शालीन महिला में परिवर्तित हो गई थी। वो दोनों मिले और प्रसन्न हुए पर हैरिस ने देखा कि एलिस के चेहरे का तेज हैरिस के चेहरे से अधिक था। उसने उससे कारण पूछा तो उसने बताया कि जब वो वहां अध्ययन कर भगवान की प्राप्ति के मार्ग को ढूंढ रहा था तब एरियल के बताए मार्ग से जो उसने वहीं प्राप्त किया था मैंने अपने अंतर में भगवान को पा लिया। हैरिस आश्चर्यजनक प्रसन्नता से भर गया। एरियल ने बातों-बातों में पूर्व से मिले ज्ञान को एलिस से बांटा था। एलिस अविवाहित होकर एक नन थी जो हैरिस के लिए एक आश्चर्य सा था।
अब कुछ कहने की बारी एरियल की थी। वो बोला कि उसने करीब दस साल से अधिक का समय उन दोनों का समर्पित किया है अब उन दोनों को चाहिए कि वो उसे क्षमा करें और जाने की आज्ञा दें। एलिस और हैरिस ने प्रसन्नता पूर्वक उसेे जाने की आज्ञा दी। एरियल ने जाते समय उनको आश्वासन दिया कि विशेष मौकों और बुलाए जाने पर वो उन दोनों के पास आएगा।
अब एरियल ने एक विशाल बवंडर का रूप लिया और भयंकर स्वर में गाते हुए वहां से चला गया। वो दोनों उसे जाते हुए देखते रहे। काफी देर तक एरियल के गीत की आवाज वातावरण में कौंधती रही- एक रिश्ता आसमानों से ऊंचा, समुद्र सा गहरा- उसे न भय भले हो मौत का पहरा। मुक्ति से जो मुक्त कर जाता है- वो जो एरियल का भाग्यविधाता है- जहां पवित्रता पर ब्रम्हांड सिर झुकाता है- ऐसा एलिस-हैरिस का नाता है।

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