सोमवार, 5 फ़रवरी 2018

मौत से मुकाबला: 6 अंजाने अभियान की तैयारी

अब्बासी नाम का हब्शी अपने दल के साथ मछली पकडऩे के लिए समुद्र में गया वहां वो अंध महासमुद्र के अंतरतम स्थान पर जा पहुंचा। एक दम से जाल तेजी से हिला। सभी ने उसे ऊपर खींचा देता तो हैरान रह गए। उस जाल में एक जलपरी फंसी थी। उन्होंने उसे डेक पर खींच लिया। मुझे जाने दो, उसकी करुण पुकार थी। अब्बासी ने उसे देखा वो कमनीय थी और उसके आंसू और मासूम सूरत उसे उत्तेजक बना रहे थे। सभी उसके करीब जाने को आतुर थे। अब्बासी ने सभी से कहा कि वो इसे बाजार में बेचेंगे। जहाज को मोड़ लो। इसे बेचना है कोई इसके जिस्म को नुकसान नहीं पहुंचाएगा। वो जलपरी जाल के अंदर बैठकर बड़बड़ाती रही- कोई नहीं बचेगा तुम में से, ये मेरी बद्दुआ है। बद्दुआ...मैं बाजार तक पहुंचूंगी नहीं। तुम सब मरोगे। सभी उसे ललचायी नजरों से देखते रहे। धीरे-धीरे वो एक पत्थर में बदल गई। जब वो बंदरगाह पहुंचे तो देखा वहां जीवित जलपरी नहीं उसकी पाषाण मूरत थी।
इसके बाद जो कुछ हुआ वो भयानक था। सभी को हर जगह वही जलपरी दिखने लगी यहां तक कि पानी और शराब के जामों में उसका अक्स दिखने लगा। सब रहस्यमयी ढंग से गायब होने लगे। कोई बालटी में गिरकर तो कोई बिस्तर से ही। अब्बासी का दम घुटने लगा और धीरे-धीरे उसका चेहरा कैटफिश में बदल गया। जब उसे पूल में छोड़ा तो वो मछली की तरह तैरने लगा और तीन दिन बाद उसकी मौत हो गई। न्यौन नाम का उनका साथी भाग गया।
ये कहानी सुनाकर एडम ने हमें बताया कि वो मूर्ति इसी जहाज में पीछे रखी है। मुझे और जोनाथन को उसकी बात अजीब लगी तभी नोबल हमारे पास डेक पर आ गया। हमने उससे इस बाबत पूछा तो वो बोला, ये एकदम झूठ है। इस बात पर एडम से उसकी बहस हो गई। नोबल के अनुसार अब्बासी को समुद्र में एक अनोखी संगमरमरी शिला मिली। इससे उसने अपने दोस्त न्यौन को एक जलपरी की मूर्ति बनाने को कहा। अब्बासी सोचता था कि वो उसे बाजार में बेचेगा और ज्यूस के समान वैभववान बन जाएगा। आनाकानी करने पर न्यौन को अब्बासी ने धमकी दी। जहाज शुभेच्छा की टोपी यानी कैप ऑफ गुड होप के पास कहीं रुका। न्यौन, जो कि एक मूर्तिकार था, ने उस शिला से 40 दिन में एक खूबसूरत मूर्ति बनाई और एक दिन मौका देखकर वो मूर्ति जहाज समेत जहाजी अलादीन कोलंबिया को बेचकर और करीब 1750 सोने के सिक्कों को लेकर भाग निकला। मूर्ति अब्बासी के जहाज पर ही थी और मूर्ति बनाने के दौरान न्यौन वहां नजरबंद बतौर था। न्यौन ने उसका भरोसा जीता और पीठ में खंजर मार दिया। हालांकि अब्बासी बेईमान के साथ ये कुछ गलत नहीं था। अलादीन बंदर अब्बास का जहाजी था और वहां काम से आया था। अलादीन मूर्ति लेने जहाज पर पहुंचा तो अब्बासी से उसकी लड़ाई हो गई। मामला कंगारू कोर्ट पहुंचा जहां अब्बासी ने अलादीन पर हमला कर दिया। अलादीन ने उसे पीटा और उसके मुंह पर थूककर उसे बदबूदार कैटफिश कहा। कंगारू कोर्ट ने अब्बासी को मौत की सजा सुना दी और अलादीन ने उसे पानी में डुबा-डुबा कर मार डाला।
बात आई गई हो गई। इन दिनों हम एक नई चीज देख रहे थे। ड्यूरा नाम की एक शीमेल ऊपरी मंजिल पर खड़ी होकर एडम को घूरती रहती। हम मजाक करते कि एडम वो तुम में रुचि रखती है। ड्यूरा के साथ कुछ पल बिताना क्या आनंद दायक नहीं होगा? एडम उसे देखता। उसमें एक अनोखी कशिश थी।
दूसरे दिन हम नीचे से काम निपटाकर डेक पर काम करने पहुंचे तो देखा कि थॉर अपने लोगों के साथ एक आदमी को घेरकर खड़ा था। वो आदमी घुटनों के बल बैठकर उसे कुछ बता रहा था। एडम ने बताया कि सेवन स्क ल के आगे और पीछे थॉर के दो विशालकाय जहाज मदद के लिए चलते हैं। हमने यहां-वहां दूर तक देखा पर कुछ दिखा नहीं। थॉर ने उस आदमी की बात सुनकर जहाज के सभी लोगों को बुलाया। इनमें नेवल भी था। मैं और बाकी लोग भी। थॉर ने एक आदमी को नौका लेकर रवाना किया। उसने हमें बताया कि आगे एक बहुत बड़ा द्वीप है जिस पर महान सार्थियन लोगों के वंशज रह रहे हैं। वहां सोने का भंडार है। हम कल वहां लंगर डाल देंगे। आप तैयार हैं....। ये सार्थियन हैं या अफ्रीकी आदमखोर...शंकित नेवल ने पूछ लिया। सोने से मतलब रखो बर्खुरदार...तुम खुदगर्ज मत बनों। थॉर को ना कहना मतलब... हम सब न चाहते हुए भी तैयार हो गए। एक ऐसे अभियान के लिए जिसके बारे में हमें कुछ भी पता नहीं था।

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