रविवार, 9 दिसंबर 2018
आई ...हेट टीयर्स
कभी नहीं कहूंगा आई हेट टीयर्स रे, क्यों कहूं?
भावनाएं छिपाकर क्योंकर रहूं।
आप दिल में समाए हो इस तरह से
निकले मनभाव में क्योंकर न बहूं।
यादें कितनी आपने नींवों में चुनी है...
अपने आप से ये कहानी क्योंकर न कहूं।
कुछ न कहकर एक मुस्कान, एक आशीष एक दुआ, होंठों पर आपके रही...
मैं इस बात पर चुप क्योंकर रहूं।
आंखों में आंसू कुछ आ जाते हैं जाने क्यूं?
आपकी जगह दिल में हैं हम न मानें क्यूूं?
एक आंसू...कहता है बहुत कुछ...सुनती हैं आंखें...यादें बुनती हैं आंखें...
झूठ तो नहीं है पर सच भी नहीं, मैं समझने में क्योंकर उलझा रहूं।
क्यों कहूं आई हेट टीयर्स रे....
13-7-2017
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कुएं का रहस्य
दोनों लापता दोस्तों का आज तक पता नहीं चला है। पर लोगों को आज भी उस सड़क पर जाने में डर लगता है। कुछ दुस्साहसियों ने वहां से गुजरने की कोशिश ...
-
दोनों लापता दोस्तों का आज तक पता नहीं चला है। पर लोगों को आज भी उस सड़क पर जाने में डर लगता है। कुछ दुस्साहसियों ने वहां से गुजरने की कोशिश ...
-
सार्थियन, सोने के अद्भुत कारीगर होते थे। वो अपने दुश्मनों को हराकर उनका खून पीते थे और उनकी खोपडिय़ों से हाथ पोंछते थे। मुझको और जोनाथन क...
-
सुबह कितनी ही उजली हो, रात के अंधकार से कम ही होती है और अगर वो रात कभी न खत्म होने वाली हो तो? एक बार तीन दोस्त एक बहुत ही छोटे जहाज में ...
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें