शनिवार, 30 दिसंबर 2017

साहिब, बीबी और विदूषक

राजकुमारी एलिन बचपन से आम लोगों से दूर रही न तो उसका कोई दोस्त था ना ही हमउम्र संगी-साथी। एक बार उनके महल का माली आया और अपने साथ अपने भतीजे को लाया जिसका इस दुनिया में कोई नहीं था। भतीजे के लिए राजा से दया मांगी तो राजा ने महल में रहने के लिए और खाने की अनुमति देदी पर शर्त थी कि वो जो काम दिया जाएगा वो करेगा। एलिन ने झरोखे से उस बालक को देखा वो बहुत शर्मीला था। राजा ने बालक को देखा तो उसे इस बात का भास हो गया कि वो बालक सामान्य नहीं था राजा ने अपनी शंका माली से कह डाली। इस पर माली ने बताया कि वो बालक जिसका नाम था क्रिस, पौरुषहीन था, पुरुष होकर भी वो पुरुष नहीं था। राजा को इस बालक में अपनी बेटी के प्रति एक सुरक्षा दिखाई दी। एलिन ने भी मां से कहा कि उसे वो बालक चाहिए।
अब राजा ने उस बालक को राजकुमारी एलिन के मनोरंजन के लिए नियुक्त किया। वो बालक शुरू में ही शर्मीला दिखा था पर वो था बहुत बतोड़ा वो बहुत मजेदार बातें करता, किस्से गढ़ता और राजकुमारी का मनोरंजन करता। हालांकि महल के पहरेदार उसका बहुत मजाक उड़ाते इस पर एलिन क्रिस को कहती कि वो एक एंजिल है और एंजिल पुरुष और स्त्री के भेद से परे होते हैं। दुखित क्रिस प्रसन्न हो जाता। किशोर हो जाने पर क्रिस राजदरबार भी जाता था और अपनी हरकतों से सबका मनोरंजन करता था। न जाने कब एलिन और क्रिस मन के मजबूत धागों में बंध गए उनको भी पता न चला।
एलिन ने एक दिन सुना राजा राजरानी से एलिन के विवाह की बात कर रहे थे इससे वो बेचैन हो गई। उसने क्रिस को बुलाया और ये बात बताई क्रिस ने इसे शुभसमाचार बताया और कहा कि वो दुखी न हो। एलिन ने कहा कि वो क्रिस से बिछडऩा नहीं चाहती इस पर क्रिस हंसा और बोला- मुझे स्त्रीधन में साथ ले चलना। आखिर वो दिन भी आ ही गया जब एलिन का विवाह दूर देश के युवराज ग्लैडिन से हो गया। एलिन ससुराल चली गई पर राजा ने क्रिस को उसके साथ जाने नहीं दिया। ग्लैडिन ने हर तरह से एलिन को खुश करने की कोशिश की पर वो हर बार विफल हुआ। एलिन ससुराल में सारे राजसी सुखों में भी खुश न थी वहीं क्रिस को अब एलिन की याद सताने लगी थी। वो राजदरबार जाता पर अब वो पहले जैसा मनोरंजन नहीं कर पाता था वो मन ही मन रोता था और पहरेदार और दूसरे लोग उसकी पुरुषहीनता का मजाक उड़ाते थे।
आखिर राजा ने क्रिस को काम से निकाल दिया। क्रिस भिखारियों की तरह यहां-वहां मारा-मारा फिरने लगा जो कुछ मिलता खा लेता जहां जगह मिल जाती सो जाता। एलिन की तबीयत बिगडऩे लगी उसने माता-पिता के पास जाने की बात कही। आखिर ग्लैडिन उसे लेकर उसके देश आ गया। अब एलिन ने राजा से क्रिस के बारे में पूछा। राजा कुछ कह न सके। एलिन ने क्रिस के लिए ढुंढाई मचाई। एक दिन उसे पता चला कि क्रिस समुद्र किनारे मरणासन्न अवस्था में पड़ा है। वो नंगे पांव दौड़ पड़ी। उसके पीछे ग्लैडन भी दौड़ा। वो समुद्र किनारे पहुंची और गीली रेत पर पड़े क्रिस के गले लग गई। क्रिस में कुछ प्राण बाकी थे। एलिन तुम! एलिन के आंसु उसके मुंह पर गिर पड़े।
क्रिस तुम मुझे वो गाना सुनाओ जो तुम मेरे लिए गाते थे, एलिन ने प्रार्थना की। क्रिस हल्की आवाज में बोला- छोटी चिडि़या तुम कहां उ.डोगी, क्या मेरे पास आओगी और मेरी हो जाओगी।
ग्लैडिन ये सब आश्चर्य से देख रहा था। मैंने कभी नहीं कहा, तुमने नहीं कहा पर वो अंजाना बंधन आज भी कायम है, एलिन ने कहा। लव टू प्रिंसेस! अब क्रिस निढाल हो गया। एलिन चीख-चीख रोने लगी और एकाएक वो भी क्रिस पर झुककर वहीं निढ़ाल हो गई। एलिन-क्रिस ने एक-दूसरे का हाथ थाम रखा था। बेवफा! ग्लैडिन ने कहा, दोनों को उठाकर समुद्र में फेंक दो। आदेश पूरा किया जाता उससे पहले ही एकाएक पता नहीं कहां से दोनों के शरीर में स्वत: ही आग लग गई और वो दोनों जलने लगे। प्रेम के अमर देवता रोने लगे और कुछ वर्षा सी हुई। ग्लैडन को आश्चर्य हुआ दोनों जिस्म जल गए पर राख तक न बची। कुछ जो बचा वो हवा में उड़कर फलक में घुल गया।
इतिहासकार ने ये लिखकर कलम तोड़ दी- प्रेम क्या है? ये अहसास क्या है? वासना के कीचड़ से विलग ये अमृत क्या है? तुम क्या हो? मैं क्या हूं? ईश्वर ही सबकुछ है तो ये दैवीयता क्या है? क्या एलिन और क्रिस प्रेम के अमर देवी-देवता थे? मैं न समझा...मैं न समझा.....मैं न समझा।

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