रविवार, 27 मई 2018

मौत से मुकाबला 13 : महाविनाश का पदार्पण

डेक पर हलचल की आवाज हुई। तो जोनाथन घबरा गया। वो हाथ जोड़कर बोला- प्लेसिट इरे प्लेनचिट जिसका मतलब था प्लेनचेट वापस जाइये। गोटी बोर्ड पर तेजी से घूमने लगी। मेरा और जोनाथन का ध्यान नहीं था पर एडम लगातार गोट को देख रहा था। कुछ क्षणों बाद गोट जोर से हवा में उछली और बगल में गिर गई। जोनाथन ने बोर्ड और गोट को समेटा और उठ गया। मैं भी उठ गया पर एडम वहीं बैठा कुछ सोचता रहा। क्या हुआ? मैंने और जोनाथन ने साथ में पूछा। वो बोला- क्या तुमने उस शब्दों को जोड़ा जो आखिर में गोट ने इंगित किये। नहीं तो- हमारा जवाब था। वो कुछ सोचने लगा। क्या बात है? जोनाथन घबराया। ये आत्मा किसकी थी? एडम ने पूछा। पता नहीं..पर क्या ये बात जानना जरूरी नहीं थी? क्यों= जोनाथन ने पूछा। वो जो कह रहा था वो जरूर खास था। वो क्या कह रहा था- मैंने पूछा। एडम ने हमारा मुंह देखा- वो कह रहा था कि ये यात्रा शुरू तो हुई है पर इसका अंत सबकी मौत पर होगा। एक जिंदा बचेगा पर वो भी न पूरी तरह जियेगा न पूरी तरह मरेगा। जोनाथन घबरा गया। मानों पूरा दृश्य उसकी आंखों में खो गया।
डेक पर आवाज किसकी थी ये पता न चला। दूसरे दिन सुबह बैन, जैमी और नोबल के साथ नेवल जहाज पर आया। नेवल के चेहरे पर चिंता की लकीरें साफ पढ़ी जा सकती थीं। बैन और जैमी ने आकर नोबल की हंसी उड़ानी शुरू कर दी। उनकी बातों से पता चला कि रात को वो लोग बदनाम शराब घर में गए उसके बाद सब एक-एक खूबसूरत लड़की के साथ कमरे में गए। सभी तो अय्याशी में लग गए पर नोबल लड़की को देखकर एक कोने में बैठ गया। वो युवती नोबल को देखकर हंसी फिर उसने उसके सामने कैबरे किया पर नोबल बुत बना बैठा रहा। जब कई जतन के बाद भी नोबल की रुचि उस लड़की में नहीं जागी तो वो लड़की भड़क गई और उसे गालियां देने लगी। उसका हंगामा सुनकर सब बाहर आ गए। पूरा माजरा जानकर सभी ने नोबल को फिर कमरे में घुसा दिया पर नोबल ने उस लड़की को छुआ तक नहीं। नोबल बोला कि उसने अपनी जिंदगी में सिर्फ एक से प्यार किया। एक को ही किस किया। वो ही उसकी हमसफर है। वो लड़की आज भी नार्थ शायर के बदनाम नाचघर में नाचती है और उसका रास्ता देखती है इस आस में कि किसी दिन वो प्रिंस की तरह आएगा और उसे ले जाएगा। उसने उसे कहा है कि वो उसका इंतजार करे पर यदि साल भर तक उसका उत्तर न आए तो समझ जाए कि वो शायद मर चुका है और वो अपना घर बसाने की जद्दोजहद शुरू कर दे। जोनाथन और मैंने एक दूसरे का मुंह देखा।
हमारे पास मौका था कि यहां का कस्बाई बाजार घूम लें अगर कुछ काम का लगे तो खरीद लें। एडम हमारे साथ था। मैं और जोनाथन तो थे ही। बैन और जैमी भी साथ हो लिये। रास्ते में चलते वक्त वो दोनों जोनाथन और मुझको परेशान भी कर रहे थे। ये उनके लिए मनोरंजन का एक रूप था। हम चलते-चलते एक तंबू के सामने रुके। ये तंबू बिलकुल वैसा ही था जैसा उस जिप्सी बुढिय़ा का था जहां कभी मैं अपने तीन दोस्तों के साथ गया था। तभी एक बेहद खूबसूरत लड़की बाहर आई और हम सबको देखकर ठिठककर रुक गई। बैन, जैमी उसे देखकर रुक गए। उस लड़की की नीली आंखों में गजब की गहराई थी। उसके गुलाबी होंठ उस जन्नत के रस से भरे थे जिसकी प्यास ज्यूस को भी होगी। उस लड़की ने चेहरे से जताया कि आओ, आओ, मेरी कुरबत में आओ। वो उलटी चलकर अंदर चली गई। बैन-जैमी भी अंदर चले गए। वो उसे शायद वेश्या समझ रहे थे। कुछ क्षणों बाद वो बाहर निकले और तेजी से निकल गए। अब मैं, जोनाथन और एडम मंत्रमुग्ध से अंदर चले गए। अंदर एक बुढिय़ा बैठी थी। इसके सामने एक ग्लोब था। वो लड़की उसके पीछे खड़ी थी और हमको देख रही थी मानों कह रही हो कि अगर मुझे पाना है तो इनसे बात करो। आश्चर्यजनक रूप से अंदर तीन कुर्सियां थी। हम तीनों उन पर जा बैठे। बुढिय़ा रहस्यमय ढंग से मुस्काई। तुम तीनों फिर आ गए...फिर से हम आपसे पहली बार मिल रहे हैं...एडम बोला। अच्छा, कोई बात नहीं, जानते हो तुम तीनों कौन हो... नहीं-जोनाथन उस लड़की को घूर रहा था। तुम-एडम हो, तुम-एज और ये जोनाथन है। उसके मुंह से हमारे नाम सुनकर हम चौंक गए। आपको हमारे नाम... मैंने पूछा। पेरिस याद है न तुमको.... अब मैं पूरी तरह से पसीने से तर हो गया। आपको ये कैसे मालूम, अब मैं सवाल करना चाहता था। मुझे कु छ अजीब लगा। मैंने एडम का मुंह देखा तो वहां वही हब्शी दलाल बैठा था जो पेरिस को ले गया था। मैंने जोनाथन का मुंह देखा तो वहां भी वही हब्शी बैठा था। मैंने बुढिय़ा का मुंह देखा वो मुझ पर लपकी- शाप कभी खत्म नहीं होते मिस्टर। मैं वहां से भागने लगा इस प्रयास में मैं कुर्सी से सिर के बल गिरा और तेजी से भागकर बाहर आया। अब मैं तेजी से भागता जा रहा था। कोई राह नहीं सूझ रही थी। तभी किसी ने हिलाया- कहां हो एलेक्स दी ग्रेट। मैं यथार्थ में आया हम उस झोपड़े बाहर खड़े थे। मेरी अंदर जाने में रुचि नहीं थी सो एडम और जोनाथन भी मेरे साथ आगे बढ़ चले। हमको आश्चर्य था कि जैन और जैमी झोपड़े से निकलकर क्यों भागे? खैर, कुछ आगे जाने पर हमने एक होटल देखा और अंदर जा पहुंचे। इस लकड़ी के होटल में एक टेबल पर हम तीनों जा बैठे। एक बेहद दुबला आदमी आया और उसने हमसे पूछा कि हमें क्या खाना है? जोनाथन के मुंह से निकला-केकड़े का सूप। सालमन मछली की सब्जी, ब्रेड चिली सॉस के साथ ले आओ- एडम ने कहा। अब मेरी बारी थी- पुडिंग ले आओ। वाइन का ऑर्डर हम बाद में देते। हमारे पास एक आदमी और एक युवा प्रीस्ट बैठे थे। हमारे प्रभु कहते हैं कि कयामत आने वाली है..अपने पापों को सुधार लो-प्रीस्ट ने कहा। वो आदमी चुपचाप नूडल्स को हाथों से खाता रहा। उसका ढंग बेहद गंदा था। अपने पापों से मुक्ति के लिए तुमको प्रार्थना करनी चाहिए ऐसा प्रभु कहते हैं। अब वो आदमी भड़क गया- तुम मेरा दिमाग क्यों खा रहे हो? प्रीस्ट ने झेंपकर हमारा मुंह देखा तो वो एडम को पहचान गया। एडम...एडम ने भी उसे पहचाना- एफिल। एफिल हमारे पास आकर बैठ गया। सालों बाद मिले...हां ये अजीब संयोग है... अब हमारा परिचय हुआ। ये एज है- ये जोनाथन और ये है एफिल- बचपन में ये और मैं साथ में कुत्ते के पिल्ले लेकर आते थे और उनके साथ खेलते थे। बाद में वो वापस भाग जाते थे और हम दोबारा उनको लेकर आते थे। एक बार इस पर बिच ने एफिल के पुट्टे में काट भी लिया था। ये मेरे बचपन का दोस्त है। हम लड़कपन में चर्चा जाकर लड़कियों को घूरते थे और उनके रुमाल चुरा लेते थे। बाद में रुमाल पर कुछ उत्तेजक प्रेम कीबातें लिखकर वापस चर्च में उनकी टेबल के नीचे फेंक देते थे। इतने पर भी किसी लड़की ने हमें घास नहीं डाली। एफिल मुस्काया। हमने कई बार इसी चक्कर में फनरल भी अटेंड किये पर कुछ हुआ नहीं। अब एफिल की बारी थी- आप से मिलकर खुशी हुई। तुम यहां कैसे? अरे अपना यही धंधा है लोगों को पटाता हूं, प्रार्थना की बातें करता हूं-पैसे लेता हूं। घर बसा लिया क्या? जोनाथन ने एकदम से पूछा जो नितांत आवश्यक नहीं था। घरवाली मिली है पर घर नहीं। मतलब, मैंने पूछा। मुझे लड़की मिली तो है पर मेरे पास शादी लायक पैसे नहीं हैं। ओह...न जाने क्यों एडम मुस्कुरा रहा था। शायद हमारी बातों पर। जानते हो ब्रिटिश नेवल का खुफिया दस्ता यहां किसी चीज की खोज कर रहा है। उसने बताया। इस बात पर हमारी प्रतिक्रिया कुछ नहीं थी। एफिल भूखा था और ये बात एडम जानता था। सो उसने हमारे साथ खाना खाया और फिर मिलने की दुआ मांगते हुए रुखसत हो गया।
हम निकल ही रहे थे कि नोबल वहां आया- कितनी देर से तुमको ढूंढ रहा हूं। चलो मौसम साफ है। हमें निकलना है। हम वापस आए और जहाज निकल पड़ा। डेक पर खड़ा नेवल चिंतित था। हमने आज से पहले उसे कभी इतना चिंतित नहीं देखा था। सर आप चिंतित हैं...नोबल ने पूछा। नहीं कुछ नहीं...पर नोबल मानने वाला नहीं था। आखिर में उसने बताया जब वो रात में बदनाम शराब घर में थे। एक लड़का उसे एक चिट्ठी दे गया। चि_ी में बताया गया था कि थॉर से संबंधित लोगों को पकडऩे के लिए ब्रिटिश नेवल का खुफिया दस्ता यहां आ चुका है और एक आदमी हमारे बारे में उनको जानकारी दे सकता है। उसने हमारा साथ मांगा है। कौन है वो सर? एडम ने पूछा। वो चि_ी बार्बरस बदनाम की थी। एकाएक सबको सांप सा सूंघ गया। बार्बरस यहां फरारी काट रहा है। उसे यहां से निकलने के लिए हमारे जहाज की जरूरत है। हम इसीलिये निकल पड़े हैं। उसे अगर निकाला न गया तो वो थॉर के मामले में हमारा नाम ले लेगा। जिसके बाद हम सब बबार्द हो जाएंगे। एडम समझ चुका था कि प्लेनचेट की भविष्यवाणी सच होने वाली है पर इतनी जल्दी यकीन नहीं था। मैं येजानना चाहता था कि बार्बरस कौन है और ये चाहता क्या है? हम सब अलग-अलग सोच पर थे, किन्तु हम ये नहीं जानते थे कि कुछ दूर समुद्र में महाविनाश का पदार्पण हो चुका है।

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