गुरुवार, 25 जून 2020

मौत का सैंकड़ों साल पुराना बसेरा 50 बर्कले हाउस

क्या कुबूल है मौत की चुनौती
कई दुस्साहसी आए और जान की कीमत चुका कर रुखसत हो गए
उसे पसंद नहीं है दूसरों का दखल, वो चाहता है घुसपैठियों की मौत
बस आदर देकर कर सकते हैं उसका सामना
ब्रिटेन में स्थित है 50 बर्कले पैलेस। इस मकान का इतिहास सैंकड़ों साल पुराना है। कहते हैं इसका मालिक एक अय्याश आदमी था और हर रात एक नई लड़की को अपनी हवस की बली वेदी पर कुर्बान करता था यही नहीं वो इनको घर में ही कैद करके रखता था और वहशियत को अंजाम देता रहता था। वो लड़कियां केवल मरकर ही इस कैद से मुक्ति पा सकती थीं और वो मरती भी गईं पर उनकी अधूरी इच्छाओं ने उन्हें यहीं कैद कर दिया और उनका मालिक भी मरकर अपनी हैवानियत से बाज नहीं आया और इस मकान में शैतान के रूप में रहने लगा। ये मकान ब्रिटेन के सर्वाधिक भूतग्रस्त मकानों में गिना जाता है।
कहते हैं कुछ सौ साल पहले दो दोस्त नाविक भटकर यहां आ गए। घर को खाली देखकर वो रात बिताने के लिए अंदर चले गए। घर की मनहूसियत देखकर एक बारगी तो वो खौफजदा हो गए पर नींद और थकान से भारी होते वो दोनों ऊपर जाकर एक कमरे में सो गए। ये कमरा आज भी है और हाईलीएक्टिव यानी सर्वाधिक प्रेतात्मक रूप से सक्रिय माना जाता है। मध्य रात्रि भारी कदमों की आहट ने दोनों को जगा दिया। अचानक उनके कमरे का दरवाजा खुला और एक साया अंदर दाखिल हुआ। पहला दोस्त जो दरवाजे के पास सो रहा था अनिष्ट समझकर बाहर की ओर भाग निकला और दूसरा वहीं अंदर रह गया। उसके साथ अंदर क्या हुआ? कोई नहीं जानता। पहला दोस्त नाविक पुलिस को लेकर वहां पहुंचा तो उसकी रूह कांप उठी और पुलिस भी घबरा गई। उसका दोस्त उस कमरे की खिड़की से नीचे कूद गया था और नीचे लगे लंबे सींखचों में घुस चुका था। उसका चेहरा भयाक्रांत होकर विकृत हो चुका था। वो या तो डर के मारे खुद ही कूद गया था या उस शैतान ने उसे यहां फेंककर मार डाला था।
प्राप्त जानकारी के अनुसार सन् 1887 में दो नाविक व्यापारी जो एचएमएस नेनिलोप से संबंधित थे। यहां रुके थे जिनके साथ यह घटना हुई। दूसरे नाविक व्यापारी का कहना था कि उन्होंने श्रीमान मायर्स का भूत देखा था। जिसने उन्हें आक्रामक रूप से पकड़ लिया था।
कई दुस्साहसियों ने यहां आकर अपनी बहादुरी जताने की कोशिश की पर उन्होंने मौत की जो दहशत भरी इबारत लिखी उसको पढऩे की हिम्मत कोई नहीं जुटा पाया। एक रात यहां तीन दोस्त रुके हुए थे और उनमें से एक ने शर्त लगाई कि वो ऊपर के कमरे में जाकर पूरी रात गुजार सकता है। बाकी दो ने उसे मना किया पर वो नहीं माना उसने कहा कि यदि कुछ गड़बड़ होगी तो वो घंटी बजाएगा। उसके जाने के चंद सेकंड के बाद घंटी बजी। दोनों दोस्त ऊपर पहुंचे तो पाया वो कुछ देखकर दहशत में है और मर रहा है। उन्होंने उससे पूछने की कोशिश की पर वो कुछ भी नहीं बता पाया और सो गया मौत की नींद में। एक बार एक महिला सफाई कर्मी सीढिय़ों पर सफाई कर रही थी अचानक वो कुछ देखकर सदमें में आ गई। उसने क्या देखा वो उसको कभी बता ही नहीं पाई। वो चलती फिरती लाश बन गई।
अगर इस दुनिया में महाशक्तिशाली परमात्मा है तो जाहिरातौर पर उसकी विरोधी शक्ति शैतान भी है जिसकी शक्ति परमात्मा से कम है पर इंसान से तो ज्यादा ही है।
इस मकान के भूत के बारे में कहा जाता है कि ये एक युवा महिला के भूत का आशियाना है जिसने यहां की ऊंची खिड़की से कूदकर आत्महत्या कर ली थी। कहा जाता है कि इस महिला का यौन शोषण इसके अंकल द्वारा किया गया था जिससे वो आहत हो गई थी। ये भी कहा जाता है कि इस महिला का भूत लोगों को इतना डरा देता है कि उनकी मौत हो जाती है। देखने वालों ने बताया है कि इस महिला भूत भूरी झांई की तरह दिखाई देता है यद्यपि ये कभी-कभी सफेद भी दिखाई देता है।
एक अन्य दुर्लभ कहानी के अनुसार इस कमरे में एक आदमी को तालाबंद कर दिया गया था जिसे दरवाजे में बने एक छेद से भोजन दिया जाता था। इसे इस प्रकार से तब तक बंद करके रखा गया जब तक कि वो मर नहीं गया। ऐसा भी कहा जाता है कि यहां वास करने वाली आत्मा एक छोटी बच्ची की है जिसे उसके वासनातुर नौकर ने मार डाला था।
ये कहा जाता है सन् 1859 से 1870 के मध्य थॉमस मायर्स यहां रहे थे। ऐसी जनश्रुति है कि उनकी प्रेयसी ने उनको छोड़ दिया था। वो यहां अकेले रहे और उन्होंने अपने आप को यहां तालाबंद कर लिया। वो यहां अपने पागल होने और नवंबर सन् 1874 में अपनी 76 साल में होने वाली मौत तक रहे। उनके यहां रहने के दौरान ही इस मकान की भूतग्रस्त होने के रूप में पहचान बनने लगी थी।
ऐसा बताया जाता है कि सन् 1872 में एक शर्त के अनुसार लार्ड लिटलेट इस मकान के सर्वाधिक भूतग्रस्त ऊपर के कमरे में रात बिताने पहुंचे। उनके पास एक बंदूक थी। रात में उनको एक साया दिख जिस पर उन्होंने गोली दागी। इसके बाद दूसरे दिन जब वो उस साये का पता लगाने के लिये घर के निरीक्षण पर निकले तो उन्हें साया तो नहीं मिला पर गोली के खाली खोखे उन्हें जरूर मिल गये।
बाद के सालों में स्थानीय काउंसिल ने इस घर के मालिक को एक समन भेजा जिसके अनुसार वो कर देने में असमर्थ बताया गया था पर वो किसी पर अभियोजन नहीं कर सके क्योंकि ये मकान भूतग्रस्त था और कोई भी इसका दायित्व लेने को तैयार नहीं था।
इस घर की बदनामियां यहीं तक सीमित नहीं हैं। सन् 1879 में प्रकाशित मेफेयर पत्रिका हमें बताती है कि यहां के ऊपरी कमरे में एक नौकरानी रुकी थी। बाद में वो पागल हो गई और दूसरे दिन पागलखाने में उसकी मौत हो गई। इसके साथ ही ये भी कहा जाता है एक सुप्रसिद्ध व्यक्ति ने यहां रात बिताई और वो लकवाग्रस्त और बोलने में असमर्थ पाये गये।
वर्तमान में माना जाता है कि पीटर अंडरवुड की किताब हांटेड लंदन (सन् 1975 में प्रकाशित) के कारण लोगों की रुचि इस भूतहे मकान में जागी थी जो आज भी कायम है। एक मजेदार तथ्य है कि सन् 1930 में जब से मेगस भाइयों ने इस मकान को खरीदा है तब से लेकर अब तक इस मकान में कोई भूतों की घटना घटित नहीं हुई है। यद्यपि मीडिया सूत्रों ने बताया है कि यहां ऐसी घटनाएं हुई हैं। हालांकि निकट वर्तमान में अनवेषणकर्ताओं ने ऐसी किसी भी प्रेत गतिविधि से इंकार किया है पर इनका कहना है कि एडवर्ड बुलवर-लिट्टन की कहानी द हंडेट एड द हंटर्स में उल्लेखित समानताएं 50 बर्कले पैलेस स्क्वेयर में भूतग्रस्त घटनाओं का समर्थन करती हैं।
बर्कले पैलेस में समय के तीन दौर का वर्णन मिलता है- सन् 1872 से 1883, 1879 और 1880 से 1881। सामान्यत: लोगों की यह राय है कि इस घर की अनदेखी ने यहां भूत होने की अफवाह को बढ़ावा दिया है।
लेडी डोरोथी नेविल ने अपनी सन् 1906 में प्रकाशित आत्मकथा में कथन किया है कि श्रीमान मायर्स उनके रिश्तेदार थे। अपनी प्रेमिका को खोने के बाद वो पागलपन की हद को पार कर गये। वो पूरे दिन घर में रहते थे और रात के समय ही सक्रिय होते थे जब वो किंकर्ताविमूढ़ होकर यहां-वहां घूमते और विचित्र आवाजें निकाला करते थे। यह घर रात के अंत पर ही शांत होता था। नेविल का निश्चित रूप से मानना था कि मायर्स की पागलपन भरी हरकतों को लोगों ने भ्रमित होकर प्रेतगतिविधि से जोड़ दिया होगा। वो निष्कर्ष निकालती हैं कि इस घर में प्रेतगतिविधि का कोई प्रमाणित आधार नहीं है और यह सबकुछ एक बकवास है।
आधुनिक अनवेषणकर्ताओं का मानना है कि यह घर कभी भूतग्रस्त था ही नहीं और यहां से संबंधित अधिकांशत: कहानियां या तो अफवाह हैं या बाद के लेखकों द्वारा आविष्कृत हैं। वे उदाहरण देते हैं कि नाविक व्यापारियों के यहां 1870 में यहां आने की कहानी इलियट ओ डोनेल द्वारा बनाई गई थी तथा इस कहानी के किसी भी भाग की प्रमाणिकता साबित नहीं हुई है।
इस मकान को कई लोगों ने खरीदा और बेचा। लोग यहां मरते रहे और दहशत बढ़ती ही रही। इसके वर्तमान मालिक मेगस ब्रदर्स ने यहां के पुस्तकालय बना रखा है। उनका कहना है कि जब भी वो यहां दाखिल होते हैं उनको एक अनजान साये के आसपास होने का अनुभव होता है। वो बड़े ही सम्मान के साथ उससे पेश आते हैं जिस पर उनको लगता है कि वो इससे खुश भले ही न होता पर उनको उनका काम करने भर की इजाजत दे देता है जिससे कि उन पर या उनके किसी कर्मचारी पर कोई आफत न आ जाये। उनका कहना है कि एक बार जब यहां सफाई की जा रही थी तो उनको महसूस हुआ कि कोई उनके पीछे खड़ा होकर बड़ी गंभीरता से यह सबकुछ देख रहा है। उनके कर्मचारी का कहना है कि ये एक आश्चर्य है कि यहां अनगिनत आत्माएं किताबों में घर बनाकर रह रही हैं।
उनके किताबों का काम सम्हालने वाले कर्मचारी का कहना है कि उसने कई बार सामने गैलरी में एक सफेद पोशीदा साए को आते-जाते देखा है। ऐसे कई साए हैं और ये महिलाओं के लगते हैं। उनको अब इसकी आदत हो गई है। वो कहते-कहते बतातें हैं कि अभी जब हम बातचीत कर रहे हैं एक साया सामने से गुजरा है। ये एक बेहद सामान्य सी घटना है और दिन में कई बार घटित होती है। यहां रात में रुकने का साहस कोई नहीं करता और ऊपर वाले कमरे में जो कि प्रेतगतिविधियों को लेकर अतिसक्रिय है कोई नहीं जाता है और अगर वो जाते भी हैं तो वहां उनका आचरण बेहद सम्मान जनक होता है और वो वहां ज्यादा देर नहीं रुकते हैं। रात को यहां कोई नहीं रुकता। इस घर के मालिक बताते हैं कि एक बार किताबों की सफाई करने के अवसर पर उनको लगा कि पूरे समय एक आदमकद साया यह सबकुछ खड़े होकर देखता रहा और उन्होंने उसके प्रति आदर भी प्रदर्शित किया।
कई मौसम बीत चुके हैं पर यहां पर मनहूसियत का साया जस का तस बना हुआ है और ये कब तक बना रहेगा कोई नहीं जानता। शायद ये साया कभी नहीं हटेगा। अगर आप कभी इंग्लैंड जाएं तो एक बार बर्कले हाउस को जरूर देखें शायद आपको वहां ऐसा कुछ दिख जाए जो आपको ऐसी दुनिया पर यकीन करने पर मजबूर कर दे जिस पर आपको कभी भी यकीन न हो सकता हो।

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